❤️एकतरफा प्यार.. और इंतज़ार ❤️
वेसे तो मुझे प्यार की कमी नहीं है ,
लेकिन एक तेरा प्यार पाने की सब्र भी नहीं है......
मेरी कोशिश पूरी है लेकिन इतनी हिम्मत नहीं है,
सबकुछ है मेरे पास लेकिन तु नहीं है...
किसी का वक़्त इतना अच्छा है कि वक़्त रोक लेना चाहता है,
और एक मैं जो इस वक़्त को रफ्तार देना चाहता हूं...
क्यूंकि शायद एक वक़्त के बाद ये दीवार मीट जाएगी,
जो आज मुझमे मिटाने की हिम्मत नहीं है..
एक ख्वाब में रोज देखता हूं कि तू मेरी हो चुकी है,
लेकिन असल में तू मेरी हुई नहीं है...
मैं चाहता हूं जीता रहूं इसी ख्वाब में,
हकीकत में जीने की मेरी चाहत भी नहीं है ❤
✍️ASHWINI
वेसे तो मुझे प्यार की कमी नहीं है ,
लेकिन एक तेरा प्यार पाने की सब्र भी नहीं है......
मेरी कोशिश पूरी है लेकिन इतनी हिम्मत नहीं है,
सबकुछ है मेरे पास लेकिन तु नहीं है...
किसी का वक़्त इतना अच्छा है कि वक़्त रोक लेना चाहता है,
और एक मैं जो इस वक़्त को रफ्तार देना चाहता हूं...
क्यूंकि शायद एक वक़्त के बाद ये दीवार मीट जाएगी,
जो आज मुझमे मिटाने की हिम्मत नहीं है..
एक ख्वाब में रोज देखता हूं कि तू मेरी हो चुकी है,
लेकिन असल में तू मेरी हुई नहीं है...
मैं चाहता हूं जीता रहूं इसी ख्वाब में,
हकीकत में जीने की मेरी चाहत भी नहीं है ❤
✍️ASHWINI
बहुत खूब.
ReplyDeleteलेखनी शुद्ध करने की आवश्यकता है.
बाकि बहुत बढिया है. लगे रहो.
प्रयास करता रहूँगा....आपके सानिध्य में
Deleteशुक्रिया 🙏
उत्तम ❤️.....
ReplyDeleteप्रिय अश्विनी -- ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है | माँ शारदे साहित्य जगत की ओर बढ़े आपके पहले कदम को यश के उच्च शिखर तक ले जाए मेरी यही दुआ है |आप अपने ब्लॉग पर ऐसा लिखें कि सबको आपके ब्लॉग पर आने की बार बार कामना हो | अपने आचार- विचार और विनम्र शिष्टाचार से सहयोगियों के मन में जगह बनायेंगे तो आपको लोकप्रिय होने से कोई रोक नहीं सकता | आपकी पहली रचना अच्छी है और एक युवा मन की भावनाओं को दर्शाती है | मेरे शुभकामनाएं आपके लिए |
ReplyDeleteमैं अच्छा लिखने का प्रयास करता रहूँगा
Deleteआपका आभार रेणु जी 🙏
हार्दिक शुभकामनाएं और अभिनंदन
ReplyDeleteआप भी आइएगा मेरे ब्लाग पर
Deleteजी जरुर 🙏
Deleteधन्यवाद अभिलाषा जी 🙏
DeleteGood lines bro, keep it brother😘😘
ReplyDeleteदिल की गहराईयों से शुक्रिया जी 🙏
Deleteलिखते रहें। तू कर लें।
ReplyDeleteजरुर श्री मान 🙏
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 06 अक्टूबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteमेरी लिखी छोटी सी रचना को बड़ा मंच प्रदान करने के लिए आपका शुक्रिया यशोदा जी 🙏
Deleteपहली रचना बहुत सुंदर सार्थक बहुत अच्छा सृजन ।
ReplyDeleteआप काव्य जगत में सदा ऊंचाइयों को छूओ।
पहली ही रचना सांध्य दैनिक में पहुंचना शानदार उपलब्धि।
बधाई।
जी हम तो अपने मन के भाव लिखने का प्रयास करते हैं ये तो सांध्य दैनिक का बडप्पन है जो मुझे मोका दिया है
Deleteआपका आभार 🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति।हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआभार 🙏
DeleteWawoooooo chachu
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏
Deleteहिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं संजय भास्कर हार्दिक स्वागत करता हूँ...!!
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें !!
शुक्रिया संजय जी .
Deleteमैं भी अन्य ब्लॉग को पढ़ रहा हू धीरे धीरे सबसे मुलाकात होगी 🙏
मेरी कोशिश पूरी है लेकिन इतनी हिम्मत नहीं है,
ReplyDeleteसबकुछ है मेरे पास लेकिन तु नहीं है...
बहुत बढ़िया।
जी शुक्रिया
Deleteअश्विनी , ब्लॉग जगत में स्वागत है। रोमांस या रोमांटिक होना बुरा नहीं है ! पर उसी में डूबे रहना शायद परवाज के लिए बाधक हो सकता है। अपना दायरा बढ़ाओ ! लोगों को पढ़ो, अपने विचार खुल कर रखो।
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