Tuesday, November 5, 2019

और बताओ क्या हो रहा है

                           

photo =गूगल से साभार 

दिल्ली के दिल पर प्रहार हो रहा है
आँखे जल रही इंसान मर रहा है
खुद के फैलाये जहर से 
इंसान खुद ही रो रहा है

और बताओ क्या हो रहा है


खाकी बनी भक्षक, काला कोट कफन बन रहा है
लड़ रहे हैं आपस में कानून मर रहा है
न्याय, कानून, संस्थान, संविधान है खतरे में
राजनीति हो रही हावी नेता सिर चढ़ बोल रहा है

और बताओ क्या हो रहा है


आजादी सबकी छीन रहीं मानव मूल्य घट रहा है
ताकत का बोलबाला है हीनों में मौन  बँट रहा है 
आम आदमी गरीब, बेरोजगार, लाचार हो रहा है 
और बोल रहे हैं बहुत विकास हो रहा है 

और बताओ क्या हो रहा है 


हमें किसी की फ़िक्र क्यूँ नहीं 
ये क्या हो रहा है
व्यस्त हैं सभी या पतन हो रहा है

और बताओ क्या हो रहा है


                     ✍️Ashwini Dhundhara