Wednesday, February 19, 2020

हूबहू मुलाकात

                        





             कभी कभी ऐेसे ही अचानक मन करता है
             सब कुछ छोड़कर, परेशानियों को भुलाकर
             चलो आज चलते हैं किसी
                           बचपन के दोस्त से मिलने
             वापिस बचपन को जीने वापिस वहीं बाते दोहराने                       जिनसे परेशानियां तोबा करती है

            लेकिन, कुछ बाते जो अब बचपन जेसी नहीं है
            उनका अभ्यास करना जरूरी है
            जेसे बिन बताये अचानक से  जाना
            उसका मुझे और मेरा उसे देखकर खुश होना

             चलो लगे हाथ एक दोस्त से और मुलाकात हों
             चलो बाइक की बजाये अपन साइकिल पर सवार हों
             हाँ मोबाइल को भी घर ही रखकर जाऊँगा

             चाहे लाख दर्द हो मेरे, चाहे हंसने की कोई वज़ह ना हो
             चाहे नोकरी की चिंता रात को सोने नहीं देती हो
              चाहे मेरा आज मुझ पर हंस रहा हो
           लेकिन  मेरी कोशिश बचपन सा  खुश दिखने की ही होगी
            बचपन तो अब नहीं आएगा वापिस
                          लेकिन कम से कम मुलाकात तो हूबहू सी होगी

✍️   ASHWINI DHUNDHARA

Tuesday, November 5, 2019

और बताओ क्या हो रहा है

                           

photo =गूगल से साभार 

दिल्ली के दिल पर प्रहार हो रहा है
आँखे जल रही इंसान मर रहा है
खुद के फैलाये जहर से 
इंसान खुद ही रो रहा है

और बताओ क्या हो रहा है


खाकी बनी भक्षक, काला कोट कफन बन रहा है
लड़ रहे हैं आपस में कानून मर रहा है
न्याय, कानून, संस्थान, संविधान है खतरे में
राजनीति हो रही हावी नेता सिर चढ़ बोल रहा है

और बताओ क्या हो रहा है


आजादी सबकी छीन रहीं मानव मूल्य घट रहा है
ताकत का बोलबाला है हीनों में मौन  बँट रहा है 
आम आदमी गरीब, बेरोजगार, लाचार हो रहा है 
और बोल रहे हैं बहुत विकास हो रहा है 

और बताओ क्या हो रहा है 


हमें किसी की फ़िक्र क्यूँ नहीं 
ये क्या हो रहा है
व्यस्त हैं सभी या पतन हो रहा है

और बताओ क्या हो रहा है


                     ✍️Ashwini Dhundhara 

Tuesday, October 29, 2019

मशीन ने लिखा

                   
फोटो =गूगल से साभार


शब्दों को पिरोना और लिखने का हुनर सबने सीखा
किसी ने कुछ खास लिखा, किसी ने कुछ आम लिखा

दिवाली पर दिवाली का लिखा, होली पर होली का लिखा
भला लिखने को भी अब इंसान परंपरा बनाता दिखा 

  बाहर दिवाली जा रही थी शांति से कोई बंद कमरे में बस लिखता दिखा 
अपनी भावनाओं को एक विषय में सिकोड़ता, एक कवि मजबूर दिखा 

ये कौनसा हुनर था लिखने का जो मेने नहीं सीखा 
दो शब्द यहां से उठाए, चार शब्द वहां रखे हर कोई जुगाड़ बनाता दिखा 

 सब कुछ पढ़कर हंसी निकल गयी अचानक
तब किसी ने धीरे से कान में कहा

"तु उदास क्यूँ हो रहा है अगर तूने कुछ नहीं लिखा 
ये जो सबने लिखा ये तो एक मशीन ने लिखा  "

✍️Ashwini Dhundhara

Wednesday, October 16, 2019

दुआ

"एक औरत जिसे उसका पति प्यार नहीं करता 

          वहीं औरत उसकी लंबी उम्र की दुआ करती है"


                    ( pic from Google image )

तेरी लंबी उम्र के लिए मेंने बहुत लंबी दुआ मांगी है

रात को  चाँद से तो दिन में सूर्य से हिफाजत मांगी है


भला चंद्रदेव अकेला कितना का रखेंगे ख्याल तेरा

मुझसे ज्यादा तो दोनों मिलके भी नहीं रख सकते ख्याल तेरा


चाँद वक़्त पर निकले ना निकले मुझे रहता है इंतजार तेरा

तु  आए और व्रत खुलवाए मेरा और करदे  सपना साकार मेरा


तु ये रस्म निभाने की बंदिश में बंधा करता है पलभर दीदार मेरा

मैं भूखी हूं प्यासी हूं प्यार की तेरे  थोड़ा सा तो करले ख्याल मेरा


ना मांग चाहे मेरी लंबी उम्र की दुआ करदे काम तमाम मेरा

बस कुछ पल पास बेठ मेरे आज और दे दे थोड़ा प्यार तेरा


मेंने तो लिख दी ये ज़िन्दगी तेरे नाम तेरे ही संग बितानी है

तेरी लंबी उम्र के लिए मेने बहुत लंबी दुआ मांगी है

      ✍️ ASHWINI 

Saturday, October 5, 2019

बहाने

                        image source =Google
           

       ये जो हंसी के पीछे गम छुपा रखे हैं,
       मेने दुश्मनों को भी अपने बना रखे हैं

       वक़्त के तकाजे पर सपने बुन रखे हैं,
       उम्मीदों की नींव पर आसियानै बना रखे हैं

       हर तरफ खुशी ही खुशी है हवाओ में '
       एक मेने ही दुखी रहने के बहाने बना रखे हैं

       तु एक मुझसे ही तो बात नहीं करती,
        वर्ना कोन जाने तूने कितने ही दीवाने बना रखे है

        शायरी ना शोंक है ना पेशा किसी का,
        सबने अपने सुख - दुख ब्यां करने के तरीके बना रखे हैं

        तेरी खुशी के लिए दिल से मांग रहे हैं दुआ,
        और इसी दिल में तेरे दिए दर्दों के लिए तहखाने बना रखे हैं

         तु दूर जा कर सोच रहा होगा खुश रहते हैं हम,
         तुझे क्या खबर हमने मरने वाले हाल बना रखे हैं

      अब इतनी देर भी ना लगा आने में की हमारा वक़्त रुक जाए,
       वेसे हमने भी अपनी घड़ी के सेल फालतू मंगा रखे हैं

                              ✍️ Ashwini

Monday, September 30, 2019

मेरी पहली रचना

❤️एकतरफा प्यार..  और इंतज़ार ❤️


   वेसे तो मुझे प्यार की कमी नहीं है ,
लेकिन एक तेरा प्यार पाने की सब्र भी नहीं है......

मेरी कोशिश पूरी है लेकिन इतनी हिम्मत नहीं है,
सबकुछ है मेरे पास लेकिन तु नहीं है...

किसी का वक़्त इतना अच्छा है कि वक़्त रोक लेना चाहता है,
और एक मैं जो इस वक़्त को रफ्तार देना चाहता हूं...

क्यूंकि शायद एक वक़्त के बाद ये दीवार मीट जाएगी,
जो आज मुझमे मिटाने की हिम्मत नहीं है..

एक ख्वाब में रोज देखता हूं कि तू मेरी हो चुकी है,
लेकिन असल में तू मेरी हुई नहीं है...

मैं चाहता हूं जीता रहूं इसी ख्वाब में,
हकीकत में जीने की मेरी चाहत भी नहीं है ❤

         ✍️ASHWINI